आज के इस आर्टिकल में हम वाक्य के कितने भेद होते हैं? (Vakya ke kitne bhed hote hain?), वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? (Vakya kitne prakar ke hote hain) के बारे में विस्तार से जानेंगे।
किसी भी भाषा का सही और गहन अध्ययन के लिए उसका व्याकरण आधार होता है। इसी प्रकार हिंदी भाषा मे भी व्याकरण बहुत ही प्रमुख होता है। हिंदी व्याकरण में वाक्य का अध्ययन जरूरी होता है जिससे कुछ लिखते समय वाक्यों को सही सही लिखा जा सके।
आज इस लेख में हम मुख्य रूप से वाक्य तथा वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? यानी वाक्य के कितने भेद होते हैं? उन सभी के बारे में एक-एक करके उदाहरण सहित जानेंगे।
वाक्य के कितने भेद होते हैं? (vaky ke kitne bhed hote hain?)
यदि वाक्य के भेदों की बात की जाए यानी की वाक्य कितने प्रकार के होते हैं तो वाक्यों का विभाजन दो आधार पर किया जाता है जिसमें पहला अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद और दूसरा रचना के आधार पर वाक्य के भेद है। दोनों ही आधारों पर वाक्य के अलग-अलग भेदो को एक-एक करके समझते हैं।
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं जोकि निम्नलिखित है:
- विधान वाचक वाक्य
- निषेधवाचक वाक्य
- आज्ञा वाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- विस्मय वाचक वाक्य
- संदेह वाचक वाक्य
- इच्छा वाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
अब हम अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद के बारे में विस्तार से जानेंगे
1.विधान वाचक वाक्य – जिन वाक्यों से किसी काम के होने या उस काम को करने की सामान्य सूचना मिलती है या जिस वाक्य से किसी प्रकार की सामान्य जानकारी प्राप्त हो वह विधानवाचक वाक्य होता है।
विधान वाचक वाक्य उदाहरण –
- भारत की राजधानी दिल्ली है
- राम अयोध्या के राजा थे।
- सूर्य पश्चिम में डूबता है।
- राम एक अच्छा लड़का है।
- कश्मीर बहुत ही सुंदर है।
- मिरा राखी की बहन है।
ऊपर दिए गए सभी उदाहरण में किसी प्रकार की सामान्य जानकारी या सामान्य काम की सूचना मिल रही है।
2. निषेधवाचक वाक्य – जैसा कि निषेध शब्द से ही पता चल रहा है जिन वाक्यों से किसी कार्य की नहीं होने का पता चलता हो उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहा जाता है, सामान्यत: इनमें नहीं शब्द लिखा रहता है।
निषेधवाचक वाक्य उदाहरण –
- राम आज स्कूल नहीं जाएगा।
- घर पर आज खाना नहीं बनेगा ।
- कल हमें मुंबई नहीं जाना है।
- राम चौहान से बात नहीं करेगा।
- बिजली कल तक नहीं आएगी।
- मैं राहुल से मिलने नहीं जाऊंगा।
ऊपर दिए गए सभी उदाहरणों में नहीं शब्द के लिखे होने से उस कार्य के नहीं होने का पता चल रहा है इसीलिए यह सभी निषेधवाचक वाक्य है।
3. आज्ञा वाचक वाक्य – आज्ञा शब्द से ही ज्ञात हो रहा है कि जिस वाक्य से आज्ञा या अनुमति देने का पता चलता हो, या प्रार्थना की जाती हो वे सभी वाक्य आज्ञा वाचक वाक्य की श्रेणी में आएंगे।
आज्ञा वाचक वाक्य उदाहरण –
- कृपया शोर न करें।
- एक ग्लास दूध लाओ।
- जाओ वहां घूम कर आओ।
- रवि तुम पढ़ने बैठो।
- राम तुम जल्दी आओ।
ऊपर दिया गये उदाहरण में आज्ञा या अनुमति देने या प्रार्थना करने का पता चल रहा है।
4. प्रश्नवाचक वाक्य – नाम से ही ज्ञात है कि जिन वाक्य से किसी प्रकार के प्रश्न पूछे जाने का पता चलता हो वे सभी प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं। इन वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक “?” चिन्ह लगा रहता है।
प्रश्नवाचक वाक्य उदाहरण –
- तुम कहां रहते हो?
- तुम कौन से स्कूल में पढ़ते हो?
- तुम कहां जा रहे हो?
- राहुल तुम्हारा क्या लगता है?
- तुम्हारी कक्षा कितने देर में समाप्त होगी?
- भविष्य में क्या बनना चाहते हो?
ऊपर दिए गए सभी वाक्यों से प्रश्न पूछे जाने का पता चल रहा है आत: यह सभी प्रश्नवाचक वाक्य है।
5. विस्मय वाचक वाक्य – इन वाक्यों में विस्मयादिबोधक चिन्ह लगा रहता है। जिन वाक्यों से शोक, हर्ष, घृणा, आश्चर्य, विस्मय इत्यादि का भाव व्यक्त हो वे विस्मय वाचक वाक्य होते हैं।
विस्मय वाचक वाक्य उदाहरण –
- वाह! कितना मनोरम दृश्य है।
- उफ! मुझे कितना पसीना आ रहा है।
- हाय! कोई उसकी मदद करो।
- अहा! अब मजा आएगा।
- अरे! तुम्हें इतना भी मालूम नहीं।
ऊपर दिए गए सभी उदाहरणों में किसी ना किसी भाव का पता चल रहा है अतः यह सभी विस्मय वाचक वाक्य है।
6. संदेह वाचक वाक्य – जिन वाक्यों को पढ़कर किसी कार्य के होने या ना होने के संबंध में संदेह रहता है, वे संदेह वाचक वाक्य कहलाते हैं। सामान्यत: इनमें शायद जैसे शब्द लिखे रहते हैं।
संदेह वाचक वाक्य उदाहरण –
- शायद मैं कल जाऊंगा।
- शायद वह सुधर चुका हो।
- मुझे लगता है शायद वह गुम गया होगा।
- क्या पता वह पहुंचा होगा या नहीं।
- मुझे मालूम नहीं कि क्या हुआ होगा।
ऊपर दिया गया उदाहरणों में कार्यों को लेकर संदेह का पता चल रहा है।
7. इच्छा वाचक वाक्य – जिन वाक्यों से किसी प्रकार की इच्छा शुभकामना या आशीर्वाद इत्यादि का बोध हो वे इच्छा वाचक वाक्य कहलाते हैं।
इच्छा वाचक वाक्य उदाहरण –
- ईश्वर करे तुम्हारा दिन शुभ रहे।
- आपका नव वर्ष मंगलमय हो।
- आपकी यात्रा सुखद रहे।
- ईश्वर करे आप हमेशा खुश रहें।
- आप अपने कार्य में सफल हो।
दिया गया उदाहरणों में इच्छा, शुभकामनाएं, आशीर्वाद इत्यादि का ही पता चल रहा है।
8.संकेतवाचक वाक्य – उन वाक्यों को संकेतवाचक वाक्य कहा जाएगा जिनमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता हो। एक क्रिया दूसरे के लिए संकेत की तरह हो।
संकेतवाचक वाक्य उदाहरण –
- अगर तुम कसरत करते तो सेहतमंद रहते ।
- यदि वर्षा हुई तो कपड़े भीग जाएंगे।
- समय पर पहुंच जाते तो ट्रेन मिल जाती।
- कड़ी मेहनत करते तो पास हो जाते।
- अगर तुम उसे दे देते तो वह खुश हो जाता ।
- संतुलन से खेलते तो जीत जाते।
दिए गए सभी उदाहरणों में एक क्रिया का होना दूसरे क्रिया पर निर्भर कर रहा है यदि पहली क्रिया हो जाती तो दूसरी क्रिया होती।
Must Read
- रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद या प्रकार है जो कि निम्नलिखित हैं:
1. सरल वाक्य – जिन वाक्यों में एक मुख्य क्रिया हो वह सरल वाक्य होते हैं, इसमें एक क्रिया का होना आवश्यक है। अंग्रेजी में इसे सिंपल सेंटेंस कहा जाता है।
सरल वाक्य उदाहरण –
- राम पुस्तक पढ़ रहा है।
- गीता स्कूल जाती है।
- बच्चे मैदान में नाच रहे हैं।
- सोहन एक भला इंसान है।
2. मिश्र वाक्य -जिन वाक्यों में सरल वाक्य के साथ 1 या उससे अधिक उपवाक्य हो वे मिश्र वाक्य होते हैं इसमें लिखें उपवाक्य की, यदि, तो, तथापि, इसीलिए इत्यादि से जुड़े होते हैं।
मिश्र वाक्य उदाहरण –
- तुम जीत जाते यदि मेहनत करते हो।
- जब तुम आओगे तब मैं तुम्हें दूंगा।
- विश्वास ही नहीं हुआ कि वह चला गया।
- यदि तुमने अपना काम पूरा कर लिया है तो जा सकते हो।
3. संयुक्त वाक्य – संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य को और, अत:, इसीलिए, फिर भी, किंतु, पर, परंतु, लेकिन, तो, इत्यादि योजक शब्दों से जोड़ा जाता है इनमें दोनों ही वाक्य स्वतंत्र अर्थ देने में सक्षम होते हैं।
संयुक्त वाक्य उदाहरण –
- सीता गा रही थी परंतु मीरा बैठी थी।
- कटु वचन बोलो परंतु सत्य बोलो।
- रमेश निकला और बारिश शुरू हुई।
- अपना कार्य पूरा करो और चले जाओ।
वाक्य किसे कहते हैं?
इसकी परिभाषा में, दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं जिसका पूरा अर्थ निकलता हो। इसका मतलब हुआ शब्दों को यदि इस प्रकार के क्रम में लिखा जाए जिसे पढ़कर एक अर्थ समझ में आता हो तो शब्दों के उस समूह को वाक्य कहा जाएगा।
- लड़का नाच रहा है।
- रहा नाच है लड़का।
पहले उदाहरण में 4 शब्दों को एक समूह में लिखा गया है और इन्हें इस प्रकार लिखा गया है जिसे पढ़कर हमें एक मतलब समझ में आ रहा है, अतः यह वाक्य है। वही दूसरे उदाहरण में लिखे शब्दों को पढ़कर कोई अर्थ समझ में नहीं आ रहा है अतः यह वाक्य नहीं है।
वाक्य के भेद को दो आधार में बाँटा गया है पहला अर्थ के आधार पर और दूसरा रचना के आधार पर
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद 8 होते हैं और ये 8 भेद हैं विधान वाचक वाक्य, निषेधवाचक वाक्य, आज्ञा वाचक वाक्य, प्रश्नवाचक वाक्य, विस्मय वाचक वाक्य, संदेह वाचक वाक्य, इच्छा वाचक वाक्य, संकेतवाचक वाक्य
रचना के आधार वाक्य के भेद 3 होते हैं और ये 3 भेद हैं सरल वाक्य ,मिश्र वाक्य, संयुक्त वाक्य
Conclusion
आज इस पोस्ट में हमने वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? वाक्य के कितने भेद होते हैं? वाक्य किसे कहते हैं? हिंदी व्याकरण में वाक्य की महत्वता को जाना है। इस आर्टिकल में मैंने आपको वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? वाक्य के कितने भेद होते हैं? इसके बारे में सारी जानकारी दी है।
इस आर्टिकल में हमने वाक्य के विभिन्न विभिन्न भेद के बारे में विस्तार से जाना है मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल में आपको वाक्य के भेद के बारे में सारी जानकारी मिली होगी अगर आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा और इससे अच्छी जानकारी मिली है तो हमारे आर्टिकल को शेयर जरूर करें।
धन्यवाद