D Pharma में कितने सब्जेक्ट होते हैं? | D Pharma subject in hindi

आज हम जानेंगे कि डी फार्मा में कितने विषय होते हैं? या डी फार्मा में कौन-कौन से विषय होते हैं? (D Pharma subject in hindi)

अगर सीधे सीधे बात की जाए कि डी फार्मा कोर्स को करने के दौरान आपको 12 विषय पढ़ने होते हैं।

डी फार्मा का कोर्स फार्मेसी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सोचने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है। जैसा कि हमें ज्ञात है कि डी फार्मा का कोर्स 2 वर्ष की अवधि का एक कोर्स है, जिसमें 2 साल यानी फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर होते हैं।

डी फार्मा में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

  • 1st Year में आपको 6 सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं।
  • 2nd Year में भी 6 सब्जेक्ट होते हैं।

इन विषयों का थ्योरी पढ़ने के साथ-साथ इनमें से कुछ विषयों का प्रैक्टिकल भी करना होता है।

डी फार्मा में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं? (D Pharma mein kitne subject hote Hain)

डी फार्मा में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

डी फार्मा में 1st year और 2nd year में आपको कौन-कौन से सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं उनकी सूची कुछ इस प्रकार है-

D pharma 1st Year के विषय

  1. Pharmaceutics 1
  2. Pharmaceutical chemistry 1
  3. Pharmacognosy
  4. Biochemistry chemical pathology
  5. Human anatomy physiology
  6. Health education community pharmacy

आइए अब फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर में पढ़े जाने वाले विषयों के बारे में एक-एक करके थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

Pharmaceutics 1 – फर्स्ट ईयर के दौरान यह आपका पहला विषय होता है जिसमें आपको दवाओं से संबंधित जानकारी दी जाती है। जैसे- दवाइयां कैसे बनाई जाती है, पाउडर दवाइयां कैसे बनती है, टेबलेट  कैसे बनते हैं इत्यादि।

कुल मिलाकर आपको इसमें किस दवा का कहां इस्तेमाल होता है, उन्हें कैसे बनाया जाता है, यानी दवाइयों से संबंधित हर चीज़ पढ़ाई जाती है। इसमें थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल भी करना होता है।

Pharmaceutical chemistry 1– केमिस्ट्री के विषय में हम सभी को ज्ञात होगा ही। हालांकि इसमें जो केमिस्ट्री पढ़ाई जाती है वो दवाइयों से संबंधित होती है।

इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कंपाउंड के बारे में पढ़ाया जाता है और दवाइयों में किस प्रकार उनका इस्तेमाल होता है इत्यादि बताया जाता है। केमिस्ट्री के अंदर आने वाले स्ट्रक्चर इसमें ज्यादा नहीं पढ़ाए जाते हैं। इसमें भी थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल होता है।

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Pharmacognosy– सीधे शब्दों में इस विषय के अंदर क्रूड मेडिसिन के बारे में पढ़ाया जाता है यानी वैसी दवाइयां जो हमें किसी पेड़ या जानवर से  सीधे प्राप्त होती है।

इसके अंदर कई घरेलू दवाइयों के बारे में भी पढ़ाया जाता है। उदाहरण के तौर पर अदरक, हल्दी इत्यादि में जो औषधीय गुण होता है उसका अध्ययन इसी के अंतर्गत आता है। इसके थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी करना होता है।

Biochemistry chemical pathology– इस विषय के अंदर विभिन्न प्रकार के केमिकल एंजाइम हमारे शरीर में किस प्रकार कार्य करते हैं इसका अध्ययन कराया जाता है, बायोकेमेस्ट्री इसी से संबंधित है।

साथ ही इसमें पैथोलॉजी यानी ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट इत्यादि की भी पढ़ाई होती है। माइक्रोस्कोप इत्यादि के इस्तेमाल के साथ प्रेक्टिकल भी होता है।

Human anatomy physiology– जैसा किसके नाम से ही ज्ञात है इसमें ह्यूमन एनाटॉमी यानी मानव शरीर का और इसके हर हिस्से का अध्ययन कराया जाता है। शरीर में विभिन्न प्रकार के अंग किस प्रकार कार्य करते हैं, किस रोग से कौन सा अंग प्रभावित होता है और उसके लिए कौन सी दवाइयां होती है इत्यादि। इसमें भी प्रैक्टिकल होता है।

Health education community pharmacy– यह अन्य विषयों की तुलना में एक आसान विषय होता है, इसमें हेल्थ एजुकेशन से संबंधित चीजों के बारे में पढ़ाया जाता है। General health education में स्वास्थ्य से जुड़ी सभी बातों को मिलाकर बताया जाता है। इस विषय का प्रैक्टिकल नहीं देना होता है।

D pharma 2nd Year के विषय

जैसा की आप सभी लोगों को पता है कि डी फार्मा के 2nd Year में 6 विषय होते हैं। आइए जानते हैं कि वह 6 विषय कौन-कौन से हैं?

  1. Pharmaceutics 2
  2. Pharmaceutical chemistry 2
  3. Pharmacognosy toxicolgy
  4. Pharmaceutical jurisprudence
  5. Drug store business management
  6. Hospital clinical pharmacy

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Pharmaceutics 2– pharmaceutics फर्स्ट और सेकंड ईयर दोनों में ही पढ़ना होता है। सेकंड ईयर में आपको इसी विषय के बारे में आगे और पढ़ाया जाता है। अलग-अलग प्रकार की दवाइयां किस प्रकार से बनाई जाती है और उनका उपयोग किस प्रकार करना होता है इन्हीं के बारे में और पढ़ाया जाता है।

Eutical chemistry 1 के मुकाबले इसमें केमिकल स्ट्रक्चर के बारे में थोड़ा ज्यादा पढ़ना होता है परंतु मुख्य रूप से वह भी दवाइयों से ही संबंधित होता है किस प्रकार विभिन्न प्रकार के कंपाउंड बनाए जाते हैं और दवाइयों में उनका किस प्रकार उपयोग किया जाता है इत्यादि।

Pharmacognosy toxicology– इस विषय के अंतर्गत जिन चीजों से हमें क्रूड मेडिसिन प्राप्त होता है  (यानी पेड़-पौधे, जंतु और पर्यावरण) उन पर जहरीली चीजों की वजह से किस प्रकार बुरा प्रभाव  पड़ता है इसका अध्ययन कराया जाता है। इसके अंतर्गत जहरीले पदार्थों कोई स्टडी किया जाता है।

Pharmaceutical jurisprudence– मुख्य रूप से इसके अंदर दवाइयों के बारे में ही पढ़ाया जाता है। किस प्रकार से नई-नई दवाइयों का आविष्कार किया जाए, किस रोग के लिए कौन सी दवा बेहतर है एवं उस दवा को किस प्रकार से लेने पर वह सबसे ज्यादा इफेक्टिव होगा इत्यादि का अध्ययन इसमें कराया जाता है।

Drug store business management– इसके अंदर मेडिकल स्टोर या ड्रग स्टोर को किस प्रकार से अच्छी तरीके से चलाया जाता है और किस प्रकार से उसका उसे manage किया जाता है इत्यादि के बारे में पढ़ाया जाता है। डी फार्मा करके कोई मेडिकल स्टोर खोलने की सोचने वालों के लिए यह फायदेमंद होता है।

Hospital clinical pharmacy– इस विषय के अंतर्गत हॉस्पिटल या अन्य किसी जगह पर किस प्रकार मरीजों की देखभाल की जाती है, किस प्रकार उन्हें दवाइयां दी जाती है, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है, उन्हें बीमारियां होने से बचाना इत्यादि जैसी चीजों के बारे में पढ़ाया जाता है।

Conclusion

आज के समय में बहुत से छात्र मेडिकल क्षेत्र में जाकर अपना करियर बनाना चाहते हैं। आज के समय में मेडिकल क्षेत्र काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसके लिए इसमें लोगों की आवश्यकता भी तेजी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में कार्य के अवसर बढ़ रहे हैं।

12वीं के बाद से ही मेडिकल क्षेत्र में जाने की रूचि रखने वालों के लिए डी फार्मा कोर्स एक अच्छा विकल्प है। इस कोर्स को करने के बाद आप मेडिकल क्षेत्र में कहीं कार्यरत हो सकते हैं या फिर मेडिकल शॉप खोल कर भी अच्छे पैसे कमा सकते हैं। इसके अलावा कोई छोटा क्लीनिक भी खोल सकते हैं। डी फार्मा करने में रुचि रखने वालों के लिए इससे संबंधित बातों के बारे में जानकारी होना जरूरी  हो जाता है।

आज इस लेख में हमने जाना कि डी फार्मा कोर्स को करने के दौरान 2 वर्ष की अवधि में फर्स्ट और सेकंड ईयर में कौन-कौन से विषय पढ़ने होते हैं। इन विषयों के अंतर्गत क्या-क्या चीज है पढ़ाई जाती है इत्यादि।

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