इस आर्टिकल में हम Mechanical Engineering me kon kon se subject Hote hain, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में किस-किस विषयों को पढ़ाया जाता है?, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कितने सब्जेक्ट होते हैं? (Mechanical engineering me kitne subject hote hain) इन सब के बारे में विस्तार से जानेंगे।
जो भी बच्चे 12th class में math physics chemistry जैसे विषय में विषयों से पढ़ाई कर रहे हैं। क्योंकि इस क्षेत्र में युवाओं को बहुत अच्छा अवसर प्राप्त होते हैं और अधिकतर युवा एक अच्छा करियर बनाने के लिए Mechanical इंजीनियरिंग क्षेत्र को चुनते हैं।
Mechanical इंजीनियरिंग की पढ़ाई एक प्रोफेशनल डिग्री कोर्स है। इसलिए इस कोर्स को करने से पहले युवाओं के मन में एक प्रश्न हमेशा रहता है इंजीनियरिंग में किस-किस subject को पढ़ाया जाता है, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कितने विषय होते हैं? (Mechanical engineering me kitne subject hote hain?)
आइए जानते हैं कि मेकेनिकल इंजीनियरिंग में कितने विषय होते हैं तथा कौन-कौन से विषय होते हैं? मैकेनिकल इंजीनियरिंग में semester wise पढाई होती है इसमें हर सेमेस्टर में mechanical engineering syllabus अलग अलग होती है हम सभी सेमस्टर के बारे में एक एक करके विस्तार से जानेंगे।
Mechanical engineering 1st Semester syllabus
- Chemistry
- Electrical science
- Mathematics I
- Physics I
- Chemistry laboratory
- Physics/Workshop Laboratory
- Engineering Drawing
- Physical training I
- NCC/NSO/NSS
Mechanical engineering 2nd Semester syllabus
- Modern Biology
- Introduction to Computing
- Mathematics ll
- Physicsl II
- Computing Laboratory
- Physics Laboratory/Workshop Laboratory
- Engineering Mechanics
- Basic Electronics Laboratory
- Physical training II
- NCC/NSO/NSS
First year
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पहले वर्ष में आपको ऊपर बताए गए विषय को पढ़ना होता है तथा इन्हीं विषय के अलवा और भी कुछ subject को पढना होता है जिसे की लिस्ट नीचे दी गयी है
- Environmental Studies
- Electronics & Instrumentation
- Value Education & HR
Mechanical engineering 3rd semester syllabus
- Mathematics III
- Thermodynamics
- Solid Mechanics I
- Engineering material
- HSS Elective I
- Machine Drawing
- Physical training III
- NCC/NSO/NSS
Mechanical engineering 4th semester syllabus
- Fluid Mechanics
- Manufacturing Technology – I
- Solid Mechanics – II
- Kinematics of Machinery
- HSS Elective – II
- Workshop – II
- Mechanical Lab – I
- Physical Training – IV
- NCC/NSO/NSS
2nd year
- Manufacturing Processes
- Industrial Drafting & Machine Design
- Metrology & Instrumentation
- Numerical & Statistical Methods
Mechanical engineering 5th semester syllabus
- Fluid Mechanics – II
- Manufacturing Technology – II
- Dynamics of Machinery
- Design of Machine Elements
- Electrical Machines
- HSS Elective – III
- Mechanical Lab – III
Mechanical engineering 6th semester syllabus
- Applied Thermodynamics – I
- Machine Design
- Mechanical Measurements
- Heat and Mass Transfer
- Control Systems
- Mechanical Lab – III
3rd year
- Heat and Mass Transfer
- Law for Engineers
- Internal Combustion Engines
- Power Plant Engineering
Mechanical engineering 7th semester syllabus
- Summer Training (PP/NP)
- Applied Thermodynamics – II
- Dept Elective – I
- Dept Elective – II
- Open Elective – I
- Mechanical Lab IV
- Project- I
Mechanical engineering 8th semester syllabus
- Industrial Engineering and Operation Research
- Dept Elective – III
- Dept Elective – IV
- HSS Elective – IV
- Project- II
4th year
- Summer Training
- Ergonomics
- Organisational Behaviour
- Fracture Mechanics
- Operations Research
- Maintenance Engineering
मैकेनिकल इंजीनियरिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचना
ऊपर मैंने आपको मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाए जाने वाले विषय के बारे में बताया है लेकिन मैं आपको बता दूं कि यह विषय अलग अलग कॉलेज के लिए अलग अलग हो सकता है। अलग-अलग कॉलेज के लिए पूरी तरह से अलग तो नहीं होता है लेकिन वहां शायद आपको कुछ विषय अधिक पढ़ने की आवश्यकता हो जैसे कि अंग्रेजी इत्यादि।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में उपयोग होने वाले सॉफ्टवेयर (Software use in mechanical engineering)
जैसा की आप सभी लोगों को पता है कि मेकेनिकल इंजीनियरिंग में अलग-अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है डिजाइन बनाने या तैयार करने के लिए इनमें से मैं आपको कुछ सॉफ्टवेयर का नाम बताने वाला हूं जो कि बहुत ज्यादा उपयोग में लाए जाते हैं।
- Auto Cad
- Creo Element
- CATIA
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई के दौरान आपको ऊपर बताए गए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके डिजाइन बनाने सिखाई जाती है। इसलिए प्रोग्रामिंग भी मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स के विषय का ही एक हिस्सा है।
Mechanical engineering courses
Mechanical engineering इंजीनियरिंग के सबसे पुराने विषयों में से भी एक है। आजकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में mechanical engineering specialisation को शामिल किया गया है। जो concept यहां शामिल किये गए हैं, वे इंजीनियरिंग की अन्य फ़ील्ड्स से भी परस्पर संबद्ध हैं। उदाहरण के लिए, Petroleum, Automobile, Aerospace, Rocket Science, Mechanical designing आदि विषय इंजीनियरिंग के ऐसे विषय हैं जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग से भी अच्छी तरह संबद्ध हैं. जो छात्र मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कोई कोर्स करना चाहते हैं, वे विभिन्न कोर्स में दाखिला ले सकते हैं:
Diploma course
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स को आप दसवीं और 12वीं के बाद कभी भी कर सकते हैं या कोर्स छात्रों को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और ऑफर करती है जिसकी अवधि 3 वर्ष तक की होती है।
B.Tech in mechanical engineering
मेकेनिकल इंजीनियरिंग में आप अंदर ग्रेजुएट को भी कर सकते हैं अंडर ग्रेजुएट कोर्स करने के बाद आपको बी टेक की डिग्री प्राप्त होती। अगर आप मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अंडरग्रैजुएट कोर्स को करते हैं तो इसे पूरा करने में आपको 4 वर्ष का वक्त लगेगा
M.tech in mechanical engineering and post graduation
पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स मैकेनिकल इंजीनियरिंग में m.tech की डिग्री ऑफर करती है जिसकी अवधि 2 वर्ष की होती है अगर आप इस कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपके पास आपके द्वारा पढ़े गए फील्ड (कोर्स) में अंडर ग्रेजुएट की डिग्री होनी चाहिए।
P.hd in mechanical engineering
यह मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टोरल डिग्री (डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी की डिग्री) प्राप्त करने के लिए एक 3 वर्ष की अवधि का कोर्स है. यह कोर्स करने के लिए छात्रों के पास किसी उपयुक्त विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की फील्ड में कई स्पेशलाइजेशन होते हैं और छात्र बैचलर डिग्री प्राप्त करने के बाद हायर डिग्री प्राप्त करने के लिए इन उप-विषयों में से किसी एक में स्पेशलाइजेशन हेतु अपनी स्टडी जारी रख सकते हैं. इस फील्ड के कुछ सबसे लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन निम्नलिखित हैं:
Mechatronics and Robotics
यह फील्ड कई विषयों जैसे रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर साइंस, न्यूरोसाइंस, साइकोलॉजी और कई अन्य विषयों से संबंध है. रोबोटिक्स में स्पेशलाइजेशन करने वाले छात्रों के लिए कई बेहतरीन करियर ऑप्शन मौजूद हैं. वे विभिन्न इंडस्ट्रीज जैसेकि, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, ट्रांसपोर्टेशन, एंट्री एवं अन्य संबद्ध इंडस्ट्रीज में काम कर सकते हैं.
Thermodynamics and Thermal science
यह फील्ड heat transfer और thermodynamics के fundamental principles के साथ ही advanced engineering system में उनके एप्लीकेशन और डिजाइनिंग से संबद्ध है.
Nanotechnology – इस फील्ड में बहुत ज्यादा छोटे पैमाने पर टेक्नोलॉजी की कस्टडी और डेवलपमेंट शामिल हैं. इस फील्ड में स्पेशलाइजेशन करने वाले छात्रों को केमिस्ट्री, इंजीनियरिंग, बायोलॉजी आदि की फ़ील्ड्स में करियर के कई अवसर मिलते हैं.
Fluid mechanics – रॉकेट इंजन, एयर-कंडीशनिंग, ऑयल पाइपलाइन, विंड टरबाइन आदि की डिजाइनिंग और समझ रखने के लिए फ्लूइड मैकेनिक्स में स्पेशलाइजेशन करना बहुत आवश्यक है. ओशन करंट्स, टेक्टोनिक प्लेट्स और अन्य संबद्ध टॉपिक्स को एनालाइज करने के लिए भी इस फील्ड का बहुत महत्व है.
Solid mechanics – सॉलिड मैकेनिक्स में स्पेशलाइजेशन के तहत बिहेवियर, मोशन, इंफॉर्मेशन और एक्सटर्नल इन्फ्लुएंस के अनुसार सॉलिड मटेरियल की स्टडी शामिल है. इस फील्ड में एक्सपरटाइज प्राप्त करने के बाद आपके पास मैन्युफैक्चरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग करियर शुरू करने के ढेरों अवसर मौजूद हैं.
मैकेनिकल इंजीनियरिंग सबसे पुराने और व्यापक विषयों में से एक इंजीनियरिंग विषय है. यह मशीन और टूल्स की डिजाइनिंग, प्रोडक्शन और ऑपरेशन के लिए हाइट और मैकेनिकल पावर के उत्पादन और इस्तेमाल से संबद्ध है. इस फील्ड में करियर शुरू करने वाले छात्रों के लिये यह बहुत जरूरी है कि उन्हें core concepts जैसे कि, मैकेनिक्स, Kinametics, थर्मोडायनामिक्स, मटेरियल साइंस, structure analysis आदि की अच्छी समझ होनी चाहिए। इन कोर्सेज में मुख्यतः टेक्निकल एरिया जैसे कि जनरेटर के माध्यम से इलेक्ट्रिसिटी का डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसफार्मर्स, डिजाइनिंग, इलेक्ट्रिक मोटर्स, ऑटोमोबाइल्स, एयरक्राफ्ट और अन्य हैवी व्हीकल्स शामिल हैं.
Admission
मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स इंजीनियरिंग विषयों में सबसे ज्यादा पसंदीदा कोर्स में से एक है. छात्र विभिन्न लेवल्स जैसे कि डिप्लोमा, अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डॉक्टर के तहत मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कोई कोर्स कर सकते हैं. लेकिन, उक्त कोर्स में से हरेक कोर्स के लिए पहले से जरूरी कुछ एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया हैं और छात्रों के पास अवश्य ये योग्यता होनी चाहिये.
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कई अन्य कार्यों के साथ ही मशीन की डिजाइनिंग और टेस्टिंग के विभिन्न पहलू शामिल हैं. इस जॉब में विभिन्न फ़ील्ड्स जैसेकि, थर्मल पॉवर प्लांट्स, न्यूक्लियर स्टेशन्स, इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन आदि में लाइव प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग और सुपरविज़न के कार्य आते हैं. इस फील्ड में रिन्यूएबल एनर्जी, ऑटोमोबाइल्स, क्वालिटी कंट्रोल, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन आदि कुछ नई और ऐमर्जिंग फ़ील्ड्स हैं.
इंजीनियरिंग में अंडरग्रेजुएट डिग्रीज प्राप्त करने के बाद छात्रों के लिए मैन्युफैक्चरिंग, प्रोडक्शन, सर्विसेज और डेवलपमेंट की विभिन्न फ़ील्ड्स में जॉब के काफी अच्छे अवसर मौजूद हैं. आजकल हम मशीन के युग में जी रहे हैं और वहां एक मशीन है, वहां एक मैकेनिकल इंजीनियर की जरूरत है.
Conclusion
आज इस आर्टिकल में हमने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कौन-कौन से विषय होते हैं? मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में और mechanical engineering me kitne subject hote hain? इसके बारे में विस्तार से जाना है किस आर्टिकल में मैंने आपको मैकेनिकल इंजीनियरिंग के हर सेमेस्टर के सिलेबस के बारे में बताया मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़कर आपको मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विषय के बारे में सारी जानकारी मिल गई होगी।
Good Information
Thank you sir