प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है? | Professor ki salary kitni hoti hai

यदि आप भी बड़े होकर एक professor बनना चाहते हो तो आपको यह जानना अति आवश्यक है कि एक प्रोफ़ेसर की सैलरी कितनी होती है?

आज के इस article में हम इन सवालों का जवाब ढूंढेंगे।

  • प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?
  • सरकारी प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?
  • प्राइवेट प्रोसेसर की सैलरी कितने होते हैं?
  • किस पोस्ट पर प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?
  • Professor कितने प्रकार के होते हैं?
  • Assistant professor की सैलरी कितनी होती है?
  • Associate professor की salary कितनी होती है?
  • प्रोफ़ेसर कौन होता है?
  • प्रोफेसर बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए?

प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है? (Professor ki salary kitni hoti hai)

प्रोफेसर की सैलरी तकरीबन 60 हजार से लेकर 1.5 लाख रुपए तक की हो सकती है।यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रोफेसर किस पद पर पढ़ाते हैं।

प्रोफेसर दो प्रकार के होते हैं, सरकारी प्रोफेसर और प्राइवेट प्रोफेसर।प्राइवेट और सरकारी दोनों ही कॉलेजों में प्रोफेसर की सैलरी अलग-अलग होती है।

सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसर को सैलरी के साथ-साथ कई तरह की सरकारी सुविधाएं भी दी जाती है। वही प्राइवेट कॉलेज के प्रोफेसर को केवल सैलरी दी जाती है जो कि इस बात पर निर्भर करती है कि वह उस कॉलेज में पढ़ा रहे हैं।

प्राइवेट प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?

प्राइवेट प्रोफेसर की सैलरी तकरीबन 40 हजार से लेकर 1 लाख तक की हो सकती है। यदि आप किसी बड़े प्राइवेट कॉलेज के प्रोफेसर है तो आपकी सैलरी एक लाख से लेकर 5 लाख तक की भी हो सकती है।

सरकारी प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?

सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर की सैलरी तकरीबन 70 हजार से लेकर 1.5 लाख तक की हो सकती है।इसके साथ ही सरकारी प्रोफेसर को कई तरह के सरकारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है।

ज्यादातर ऐसा देखा गया है कि एक सरकारी प्रोफेसर की salary प्राइवेट प्रोफेसर की सैलरी से ज्यादा होती है। और लोग सरकारी प्रोफेसर की नौकरी ज्यादा अच्छी मानते हैं।

इसका कारण यह है कि सरकारी प्रोफेसर की job में आपको एक security प्राप्त होती है, परंतु private प्रोफेसर की job में आपको ऐसी कोई security प्राप्त नहीं करवाई जाती।

सरकारी प्रोफेसर की job के साथ-साथ उन्हें कई तरह के सरकारी सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं जब कि private professor की job में आपको किसी तरह की सरकारी सुविधा प्राप्त नहीं होती।

सरकारी प्रोफेसर को सरकार की ओर से medical की सुविधा, pension की सुविधा और कई अन्य तरह की सुविधाएं दी जाती है, परंतु private professor को ऐसी कोई सुविधा नहीं दी जाती।

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प्रोफेसर कितने तरह के होते हैं।

प्रोफेसर 3 तरह के होते हैं, और इन सभी की सैलरी अलग-अलग होती है जो कि इन्हें इनके तजुर्बे और मेहनत के आधार पर दी जाती है।

  • Assistant professor
  • Associate professor
  • Professor

Assistant professor की salary कितनी होती है?

यदि बात की जाए assistant professor की तो जो भी लोग assistant professor के रूप में join करते हैं उनकी शुरुआती सैलरी 50 हजार से लेकर 70 हजार तक की होती है।

Associate professor की salary कितनी होती है:

यदि बात की जाए associate professor की तो जो भी लोग associate professor के रूप में join करते हैं उनकी शुरुआती सैलरी तकरीबन 80 हजार से लेकर 90 हजार तक की होती है।

प्रोफेसर कौन होता है?

प्रोफेसर शिक्षक का ही एक रूप होता है। कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षक को हम प्रोफेसर कहते हैं। प्रोफेसर का काम college और University में पढ़ाना होता है।

हमारे समाज में professor को एक बहुत ही ऊंचा दर्जा दिया गया है, सारे ही कॉलेजों में छात्र अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं , professor होना अपने आप में ही एक बहुत गर्व की बात है।

एक प्रोफेसर बनना बहुत ही जिम्मेदारी का काम होता है क्योंकि आप देश के आने वाले भविष्य को शिक्षित कर रहे हो। तो यह जितनी गर्व की बात है उतनी ही जिम्मेदारी भी होती है।

एक विषय में specialised होता है। कोई भी प्रोफेसर केवल एक subject का विशेषज्ञ होता है और वह किसी एक विषय को अच्छे से पढ़ा सकता है।

जो भी छात्र शिक्षित होकर professor बनना चाहते हैं उन्हें प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है यह जानने के अलावा भी कई और बातें जाननी आवश्यक होती हैं। प्रोफेसर बनने के लिए हमें क्या योग्यता चाहिए?

प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता।

प्रोफेसर बनने के लिए हमें अपनी पढ़ाई को PHD तक जारी रखना होता है। और प्रोफेसर बनने के लिए आप किसी भी विषय से PHD कर सकते हैं।

आप ग्रेजुएशन में अपने मनपसंद पसंद विषय को चुनकर graduate हो सकते हैं। और फिर उसी विषय से PG और PHD कर सकते हैं।प्रोफेसर बनने के लिए सबसे आवश्यक है आपका नेट का exam देना।

इस परीक्षा को साल में दो बार आयोजित किया जाता है।पोस्ट ग्रेजुएशन उत्पन्न होने के बाद यदि आप प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए आवेदन करते हो तो उसे वैकेंसी में नेट की योग्यता मानी जाती है, इसलिए आपको PG के बाद ही नेट exam का सोचना चाहिए।

निष्कर्ष

आज के इस article में हमने जाना कि professor की salary कितनी होती है। सरकारी प्रोफेसर और प्राइवेट प्रोफेसर की सैलरी में क्या अंतर होता है, हमने इसके बारे में भी चर्चा की।

साथ ही हमने जाना कि professor कौन होते हैं? प्रोफेसर कितने प्रकार के होते हैं? प्रोफेसर बनने की योग्यता क्या होती है?

आशा है आज के इस article को पढ़कर आपके मन में प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है इससे जुड़े जो भी सवाल होंगे उन सभी सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे।

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