आज के इस आर्टिकल में आपको व्याकरण विषय की एक बहुत ही महत्वपूर्ण परिभाषा बताने जा रहे हैं, आज हम जानेंगे की संज्ञा किसे कहते हैं? (Sangya kise kahte hain?) संज्ञा की परिभाषा क्या है? (what is the defination of noun in hindi) तो आइए इसको जानते हैं।
हिंदी व्याकरण की सबसे महतवपूर्ण topic में से एक है संज्ञा, आज इस आर्टिकल में संज्ञा के महत्वपूर्ण जानकारी को जानेंगे, आज हम संज्ञा किसके कहते हैं? संज्ञा की परिभाषा क्या है? अगर आप भी संज्ञा के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें।
संज्ञा( Noun) किसे कहते हैं? (Sangya kise kahte hain?)
आप लोग सभी को संज्ञा की सरल परिभाषा अवश्य पता होगी ,किंतु आज मैं आपको परिभाषा के साथ-साथ उसके बारे में विस्तार पूर्वक बताऊंगी।
” किसी वस्तु ,व्यक्ति ,स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। “
जैसे- अंशु ,प्रबल ,चेन्नई, भलाई ,मकान इत्यादि।
दिए गए उदाहरण में ,
अंशु और प्रवर- व्यक्तियों के नाम है।
चेन्नई – स्थान का नाम है।
मकान:- वस्तु का नाम है और
भलाई:- भाव का नाम है।
भाषा विज्ञान में ,संज्ञा एक विशाल मुक्त शाब्दिक वर्ग का सदस्य है, जिसके सदस्य वाक्यांश के कर्ता के मुख्य शब्द, क्रिया के कर्म ,या पूर्वसर्ग के कर्म के रूप में मौजूद हो सकते हैं।
शाब्दिक वर्गों को इस संदर्भ में परिभाषित किया जाता है कि उनके सदस्य अभी व्यक्तियों के अन्य प्रकारों के साथ किस तरह संयोजित होते हैं। संज्ञा के लिए भाषावाद वाक्यात्मक भिन्न होते हैं। अंग्रेजी में ,संज्ञा को उन शब्दों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ;जो ऊपर और गुणवाचक विशेषणओं के साथ होते हैं और संज्ञा वाक्यांश के शीर्ष के रूप में कार्य कर सकते हैं।
पारंपरिक तौर पर ,अंग्रेजी व्याकरण में संज्ञा को कहा Noun जाता है। यह शब्द लैटिन के nomen से आया है जिसका अर्थ है:- नाम। संख्या छह से सात वर्गों को सबसे पहले संस्कृत व्याकरण जैसे प्राचीन यूनानीयों ने वर्णित किया और उनके रूप विधान गुणों के संदर्भ में उनकी परिभाषा दी है।
संज्ञा सार्थक शब्दों के 8 भेदों में से एक भेद है। व्याकरण में संज्ञा एक विकारी शब्द है।
प्राचीन मान्यताओं के आधार पर संज्ञा को पांच प्रकारों और आधुनिक मान्यताओं के आधार पर संज्ञा को तीन प्रकारों में बांटा गया है। तो आइए इसको समझते हैं
संज्ञा (प्राचीन मान्यता के अनुसार):–
1. जातिवाचक संज्ञा
2. व्यक्तिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
4. समूहवाचक संज्ञा
5. द्रव्यवाचक संज्ञा
संज्ञा (आधुनिक मान्यता के आधार पर):-
1. जातिवाचक संज्ञा
2. व्यक्तिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
तो चलिए अब इनको विस्तारपूर्वक हम जानते हैं
1. जातिवाचक संज्ञा(Common Noun):- जिस संज्ञाओं से एक जाति के अंतर्गत आने वाले सभी व्यक्तियों ,वस्तुओं ,स्थानों के नामों का बोध होता है ;उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे:- गाय:- गाय कहने से पहाड़ी, हरियाणा, शंकर, देसी ,विदेशी, काली ,उजली, चितकाबरी इत्यादि प्रकार की गायों का बोध होता है क्योंकि गाय जानवरों की एक जाति होती है।
लड़का:- इसमें सभी तरह और सभी जगहों के लड़के आते हैं -रामू ,श्यामू, संकेत, फिटकरी इत्यादि क्योंकि मनुष्यों में एक खास अवस्था वाले मानवों की एक जाती हुई -लड़का।
नदी:- इसके अंतर्गत सभी नदियां आएगी। गंगा, यमुना ,सरयू, कोसी ,ब्रह्मपुत्र ,सिंधु ,नील इत्यादि वे सभी नदियां आएंगे। पहाड़:- इस जाति के अंतर्गत हिमालय ,मंदार इत्यादि यह सभी प्रकार के पहाड़ आएंगे। शहर:- यह स्थान सूचक जातिवाचक संज्ञा है। इसके अंतर्गत तमाम शहर आएंगे दिल्ली, कोलकाता ,चेन्नई ,मुंबई इत्यादि।
Note:- इसी जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आधुनिक मान्यताओं के आधार पर द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञाओं को रखा गया है।
2. व्यक्तिवाचक संज्ञा(Proper Noun)
व्यक्तिवाचक संज्ञा उन्हीं वस्तुओं ,व्यक्तियों ,स्थानों की जातियों में से खास का नाम बताती है ,यानी जो संज्ञा किसी विशेष वस्तु, व्यक्ति या स्थान के नामों का बोध कराएं वह व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती है। उदाहरण:- जर्सी गाय ,हिमालय पर्वत ,बेंगलुरु, सेब , बकरी इत्यादि।
आप देख रहे हैं कि जर्सी गाय से एक खास प्रकार की गाय का, हिमालय पर्वत से एक खास पर्वत का, और बेंगलुरु से एक खास शहर का बोध हो रहा है, इसलिए यह सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
3. भाववाचक संज्ञा(Abstract Noun)
जिन संख्याओं से पदार्थों या व्यक्तियों के धर्म ,गुण, दोष ,आकार ,अवस्था ,व्यापार या चेष्टा आदि भाव जाने जाते हैं; वह सभी भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। भाववाचक संज्ञा है अस्पर्शी होती है यानी जिससे हम छू नहीं सकते, बस महसूस कर सकते हैं।
उदाहरण:- क्रोध, घृणा, प्रेम ,अच्छाई ,बुराई ,बीमारी, लंबाई ,बुढ़ापा ,मिठास, बचपन, हरियाली, उमंग, सच्चाई इत्यादि उपयुक्त उदाहरणों में से आप किसी को छू नहीं सकते सिर्फ अनुभव या महसूस कर सकते हैं।
4. समूहवाचक संज्ञा(Collective Noun)
सभा ,संघ ,सेना ,गुच्छा ,गिरोह, झुंड, वर्ग ,परिवार इत्यादि समूह को प्रकट करने वाले संख्याएं हैं; समूहवाचक संज्ञा है।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा( Material Noun)
जिन संख्याओं से ठोस ,तरल ,पदार्थ ,धातु ,अधातु आदि का बोध हो ;उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। द्रव्यवाचक संज्ञा ढेर के रूप में मापी या तोली जाती है। यह अगणनीय है।
जैसे :-लोहा ,सोना ,चांदी ,तेल , डालडा ,पानी ,मिट्टी, सब्जी, फल ,चीनी ,आटा ,चुना इत्यादि।
संज्ञाओं के कार्य
वाक्य में दो भाग अनिवार्य रूप से होते हैं :-उद्देश्य और विधेय । यदि वाक्य में उद्देश्य नहीं रहे तो वाक्य सार्थक नहीं हो सकेगा।
वाक्य के परमावश्यक तत्व -योग्यता ,आकांक्षा :नष्ट हो जाएंगे।
संज्ञा के 3 आवश्यक धर्म अथवा लक्षण माने गए हैं जो इस प्रकार है
1. संज्ञा का लिंग
2. संज्ञा का वचन और
3. संज्ञा का कारक
यदि कोई पद संज्ञा है तो उसका निश्चित लिंग, वचन (एकवचन या बहुवचन )और कारक संबंध होगा। इसलिए संज्ञा का रूपांतर तीन स्तरों पर होता है- लिंग ,वचन और कारक।
संज्ञा की पहचान कैसे करें?
कुछ शब्द संज्ञा के प्राणीवाचक होते हैं, तो कुछ शब्द और अप्राणीवाचक ,कुछ गणनिय होते हैं ,तो कुछ शब्द अगणनिय।
इसे जानने का प्रयास करते हैं:-
1. प्राणी वाचक संज्ञा:- वह शब्द जिससे किसी सजीव वस्तु का बोध होता है, जिसमें प्राण हो उसे प्राणी वाचक संज्ञा कहते है। जैसे :-लड़का, गाय, रमेश ,चिड़िया इत्यादि।
2. अप्राणीवाचक संज्ञा:- जिस वस्तु में प्राण ना हो वह अप्राणीवाचक संज्ञा कहलाती है । जैसे :-रेलगाड़ी ,मकान ,पुस्तक ,पर्वत इत्यादि। मतलब कि यह प्राणी वाचक संज्ञा के विपरीत होता है ,यह सजीव नहीं होते हैं।
3. गणिनीय संज्ञा:- जिस व्यक्ति वस्तु पदार्थ आदि की गणना की जा सकती है ,यानी कि जिसकी संख्या ज्ञात की जा सकती है; वह गणिनीयसंज्ञा कहलाती है। जैसे :-लड़का ,पुस्तक, भवन, केला इत्यादि।
4. अगणिनीय संज्ञा:- जिस व्यक्ति वस्तु पदार्थ आदि की गणना नहीं की जा सकती यानी जिसकी गिनती हम ज्ञात नहीं कर सकते हैं ;वह शब्द अगणिनीय संज्ञा कहलाती है। जैसे :-दूध ,पानी ,मित्रता इत्यादि।
संज्ञा से पूछे गए कुछ मुख्य सवाल:-
1. वस्तु ,स्थान ,भाव या विचार के घोतक शब्द को क्या कहते हैं?
उत्तर :-संज्ञा।
2. अर्थ के विचार से संज्ञा कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:-5
3. व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के कितने भेद है?
उत्तर:-3
4. व्याकरण की दृष्टि से “प्रेम “शब्द क्या है?
उत्तर :-भाववाचक संज्ञा।
5. ‘विद्वान’ विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञा क्या होगी?
उत्तर:- विद्वता।
Conclusion:-
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको व्याकरण विषय से संबंधित संज्ञा किसे कहते हैं? इस बारे में बताया ,अगर आपको हमारी यह जानकारी पढ़कर अच्छी लगी तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें और अगर आपके मन में कोई भी संज्ञा से related प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।