शब्द कितने प्रकार के होते हैं | Shabd kitne prakar ke hote hain

आज इस आर्टिकल में हम शब्द के कितने भेद होते हैं? (Shabd ke kitne bhed hote Hain) शब्द कितने प्रकार के होते हैं? (Shabd kitne prakar ke hote hain?) शब्द किसे कहते हैं? इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।

आज के इस लेख में हम शब्द के बारे में जानेंगे। विशेष तौर पर शब्द क्या है?  शब्द के कितने भेद होते हैं?  उन सभी को एक-एक करके उदाहरण सहित जानेंगे –

शब्द किसे कहते हैं? (Shabd kise kahte hain?)

आसान भाषा में हम सभी जानते हैं कि जो हम लिखते हैं या बोलते हैं वही शब्द होते हैं। हालांकि व्याकरण में शब्द की एक निश्चित परिभाषा दी गई है। हिंदी में हम जो अ आ तथा क ख पढ़ते हैं वे वर्ण होते हैं। और वर्ण  को मिलाकर ही शब्द का निर्माण होता है।

शब्द की परिभाषा में, एक या एक से अधिक वर्ण से मिलकर बनी हुई ध्वनि जो स्वतंत्र एवं सार्थक होती है शब्द कहलाती है। उदाहरण के लिए, कोई भी शब्द जैसे भारत कई वर्णों से मिलकर बना है एवं एक शब्द है।

हम जो कुछ भी बोलते और लिखते हैं, वह सब शब्द ही होते हैं। शब्द की परिभाषा के अनुसार अलग-अलग प्रकार के शब्द होते हैं।

शब्द के कितने भेद होते हैं? (Shabd ke kitne bhed hote hain?)

शब्द अलग-अलग प्रकार के होते हैं परंतु शब्द की परिभाषा शब्द के अर्थ के आधार पर, शब्द के रचना के आधार पर, विभिन्न भाषा में शब्दों के प्रयोग के आधार पर, शब्दों के इतिहास के आधार पर, शब्दों के व्याकरण में प्रयोग होने के आधार पर अलग-अलग होती है।

इसीलिए जब बात आती है शब्द के कितने भेद होते हैं तो यह निर्भर करता है कि किस आधार पर शब्द के भेद की बात की जा रही है। अलग-अलग आधार पर शब्दों के भेदों को पढ़ा जाता है जोकि निम्नलिखित है –

  1. प्रकार के आधार पर शब्द के कितने भेद
  2. व्युत्पत्ति एवं रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद
  3. उत्पत्ति के आधार पर शब्द के कितने भेद
  4. अर्थ के आधार पर शब्द के कितने भेद
  5. प्रयोग के आधार पर शब्द के कितने भेद
  • प्रकार के आधार पर शब्द के भेद

प्रकार के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं जोकि निम्नलिखित हैं –

1. सार्थक शब्द – उन शब्दों को सार्थक शब्द कहा जाता है जिनका कोई निश्चित अर्थ होता है। आसान शब्दों में जिन शब्दों का कोई मतलब होता है वही शब्द सार्थक शब्द कहलाते हैं। सार्थक शब्दों से किसी वस्तु, विषय  या अन्य किसी भी चीज के बारे में भी पता चलता है। इसके बाद सार्थक शब्दों के भी अपने उप भेद होते हैं। उदाहरण में गाय, बकरी, चलना, मारना, क्रिकेट इत्यादि समेत कोई भी शब्द जिसका मतलब हो।

2. निरर्थक शब्द – उन शब्दों को निरर्थक शब्द कहा जाता है जिनका वास्तविकता में अपना कोई अर्थ नहीं होता है। निरर्थक शब्द वाक्य में प्रयोग तो किए जाते हैं, वाक्य में इनका प्रयोग समझ में भी आता है लेकिन इनका अपना कोई अर्थ नहीं होता, यह किसी अर्थ का बोध नहीं कराते हैं। यानी जिन शब्दों का अर्थ ना हो वह निरर्थक शब्द होते हैं इनका इस्तेमाल सार्थक शब्दों के साथ किया जाता है। उदाहरण में मीठा-विठा, पानी- वानी इत्यादि इनमें विठा और वानी का कोई अर्थ नहीं है।

  • व्युत्पत्ति एवं रचना के आधार पर शब्द के भेद

रचना के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

1. रूढ़ शब्द – जो शब्द अन्य किसी शब्द से मिलकर ना बने हो एवं खुद में पूर्ण हो रूढ़ शब्द कहलाते हैं यह शब्द किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं तथा इन्हें और तोड़ा नहीं जा सकता है।

उदाहरण में दिन, रात, अग्नि, शेर, आग, कुत्ता आदि।

2. योगिक शब्द –  दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों से मिलकर बनने वाले शब्द योगिक शब्द कहलाते हैं, इसके नाम में ही योगिक है जिसका मतलब है जुड़कर बनना। जैसे

भोजन+ आलय= भोजनालय

राज+कुमारी = राजकुमारी।           इत्यादि

3. योगरूढ़ शब्द – इन शब्दों का अर्थ सामान्य ना होकर किसी व्यक्ति विशेष के लिए होता है यह दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बनते हैं। उदाहरण में,

लम्बोदर = लम्बा+उदर लंबोदर विशेष तौर पर बड़े पेट वाले गणेश जी के लिए ही इस्तेमाल होता है।

दशानन = दस+आनन, लंकापति रावण को ही दशानन कह कर संबोधित किया जाता है।

  • उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

1. तत्सम शब्द – संस्कृत में इस्तेमाल होने वाले वे शब्द बिल्कुल उसी तरह हिंदी में ले लिए गए हैं तथा उपयोग किए जाते हैं तत्सम शब्द कहलाते हैं। हिंदी में संस्कृत के इन शब्दों को बिल्कुल भी नहीं बदला जाता है। उदाहरण में अग्नि, क्षेत्र, वायु,पृथ्वी, रात्रि आदि।

2.तद्भव शब्द – संस्कृत के वे शब्द जिन्हें हिंदी में लिया गया है परंतु उनका रूप बदल दिया गया है, तद्भव शब्द कहलाते हैं। तत्सम शब्दों का हिंदी में परिवर्तित रूप तद्भव शब्द होता है। उदाहरण में अग्नि का आग, सूर्य का सूरज, रात्रि का रात इत्यादि।

3. देशज शब्द – क्षेत्रीय तथा स्थानीय भाषाओं से हिंदी भाषा में प्रचलित हो चुके शब्द देशज शब्द कहलाते हैं। उदाहरण में पेट, रोड़ा, बैंगन, पगड़ी, गाड़ी, थैला, आदी।

4. विदेशज शब्द – विदेशी भाषाओं के वे शब्द जो हिंदी भाषा में आए हैं एवं उनका अधिक उपयोग होने लगा है विदेशज शब्द कहलाते हैं। कॉलेज, पेंसिल, रेडियो, स्टेशन इत्यादि।

  • अर्थ के आधार पर शब्द के भेद

अर्थ के आधार पर शब्द के मुख्यत: 6 भेद है जोकि निम्नलिखित हैं –

1.पर्यायवाची या समानार्थी शब्द – जब अलग-अलग शब्दों का मतलब एक ही होता है तब वे पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं।उदाहरण में आग – अग्नि, पावक।  पानी – जल, नीर इत्यादि।

2.समरूप भिन्नार्थक या श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द -ऐसे शब्द जो सामान सुनाई देते हैं परंतु उनका मतलब अलग-अलग होता है।  उदाहरण के लिए मेल और मैल, बेल और बैल इत्यादि।

3.विलोम या विपरातार्थक शब्द – उल्टा अर्थ देने वाले शब्दों को विलोम या विपरीत शब्द कहा जाता है उदाहरण के लिए दिन का रात, अच्छा का  बुरा इत्यादि।

4.अनेकार्थी शब्द – जिस शब्द का एक से अधिक अर्थ होता है वह अनेकार्थी शब्द होते हैं, परिस्थितियों के अनुसार उनका अर्थ पता चलता है। उदाहरण के लिए शेर जिसका मतलब एक जानवर या शायरी भी होता है, हार का मतलब  पराजय या पहनने वाला हार भी होता है।

5.अनेक शब्दों के लिए एक शब्द – जब एक शब्द से किसी पूरे वाक्य या  कई शब्दों को मिलाकर का मतलब पता चले। उदाहरण के लिए जिसके माता-पिता ना हो – अनाथ, जो खंडित नहीं होता है – अखंड।

6.एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द -जिन का अर्थ अलग अलग होता है लेकिन उन्हें बोलने या लिखने पर एक दूसरे के पर्यायवाची प्रतीत होते हैं। उदाहरण के लिए पाप और अपराध, गलत और गैर कानूनी।

  • प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद

प्रयोग के आधार पर शब्द के 2 भेद होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

1. विकारी शब्द -जो शब्द समय स्थिति और संख्या के अनुसार बदल जाते हैं वह विकारी शब्द कहलाते हैं। उदाहरण में कुत्ता का कुत्ते , कुत्तों।

2. अविकारी शब्द – जो शब्द समय स्थिति और संख्या के अनुसार नहीं बदलते हैं अविकारी शब्द कहलाते हैं।उदाहरण में जल्दी, साथ इत्यादि।

Conclusion

आज इस पोस्ट में हमने शब्द कितने प्रकार के होते हैं? शब्द के कितने भेद हैं? शब्द किसे कहते हैं?इसके बारे में जाना है हिंदी व्याकरण में शब्द के बारे में जाना बहुत महत्वपूर्ण है।

व्याकरण के विषय में शब्द के टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं आप अगर किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और उसमें व्याकरण विषय है आपको शब्द के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है इसलिए आज इस आर्टिकल में शब्द कितने प्रकार के होते हैं?

शब्द के कितने भेद होते हैं इसके बारे में विस्तार से बताया इस आर्टिकल में मैंने आपको शब्द के भेद को उदाहरण के साथ बताया है। मुझे उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़कर आपको शब्द के सारे भेद के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी।

2 thoughts on “शब्द कितने प्रकार के होते हैं | Shabd kitne prakar ke hote hain”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Website बनाकर पैसे कैसे कमाए?

    wpChatIcon