आज इस आर्टिकल में हम अलंकार के कितने भेद होते हैं? (Alankar ke kitne bhed hote Hain), अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? (Alankar kitne prakar ke hote hain?) अलंकार क्या है? इसके के बारे में जानेंगे।
किसी भी भाषा का सही और गहन अध्ययन के लिए उसका व्याकरण आधार होता है। इसी प्रकार हिंदी भाषा मे भी व्याकरण बहुत ही प्रमुख होता है। हिंदी भाषा में और उसमें भी खास तौर पर कविता और कहानियों में भी अलंकार का इस्तेमाल होता है। कविता में पंक्तियों को सजाने के लिए अलंकार का इस्तेमाल होता है।
आज इस लेख में हम अलंकार के बारे में ही जानेंगे। अलंकार क्या है? अलंकार कितने प्रकार के होते हैं यानी अलंकार के कितने भेद हैं? इसे और इसके सभी भेदो को एक-एक करके उदाहरण सहित समझने का प्रयास करेंगे –
अलंकार क्या है?
शाब्दिक अर्थ में अलंकार का मतलब होता है आभूषण। हम जो कुछ भी कहते हैं या लिखते हैं उस कथन को में सुंदर शब्दों का प्रयोग करके उसे प्रभावी और सुंदर बनाना चाहते हैं और इसी के लिए अलंकार का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि शब्दों को सजाना और प्रभावी बनाना ही अलंकार है। मुख्य तौर से अलंकार का इस्तेमाल काव्य यानी कविताओं में ही किया जाता है।
इसीलिए उस कारक को अलंकार कहा जाता है, जो काव्य यानी कविता की शोभा को बढ़ाते हैं।
‘ तौपे वारू उर्वशी,
तू तो प्रभु के उर वशि ‘
ऊपर दी गई कविता की पंक्ति में अलंकार का इस्तेमाल है।
अलंकार के कितने भेद होते हैं? (Alankar kitne prakar hote hain?)
वैसे तो अलंकार के भेदो और उपभेदो की संख्या काव्य शास्त्रियों के अनुसार सैकड़ों हैं। परंतु मुख्य रूप से कुछ सीमित और निर्धारित भेेदों को ही अलंकार के भेदों के अंतर्गत पढ़ा जाता है।
मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद ही होते हैं, तथा उनके कई सारे उपभेद होते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद निम्नलिखित हैं –
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
1.शब्दालंकार – शब्दों के इस्तेमाल से जब किसी कविता में पंक्तियों को सुंदर बनाया जाता है तब उसे शब्दालंकार कहते हैं। ये अलंकार शब्दो पर आधारित होते हैं एवं शब्दों के माध्यम से ही पंक्तियों को सजाने का काम करते हैं। अलग-अलग प्रकार से एवं अलग-अलग प्रकार के, शब्दों का इस्तेमाल शब्दालंकार में होता है।
शब्दालंकार के भी मुख्य रूप से तीन उपभेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं
क – अनुप्रास अलंकार – अनुप्रास अलंकार उसे कहते हैं जब वाक्य में एक ही वर्ण यानी अक्षर की बार-बार आवर्ती होती हो, यानी एक ही वर्ण बार बार इस्तेमाल होता हो। एक ही अक्षर का इस्तेमाल बार-बार वाक्य को सुंदर बनाने के लिए किया जाता है। एक ही वर्ण के वाक्य में बार-बार लिखे होने से तुक भी मिलता है।
चंदन सा बदन चंचल,चितवन
ऊपर दी हुई पंक्ति में च वर्ण को बार-बार लिखा गया है, च वर्ण के बार-बार आवर्ती होने के कारण यहां अनुप्रास अलंकार है।
ख – यमक अलंकार – जिस प्रकार अनुप्रास अलंकार में एक वर्ण की बार-बार आवृत्ति होती है उसी प्रकार यमक अलंकार में एक पूरे शब्द की किसी पंक्ति में बार-बार आवृत्ति होती है। एक पूरे शब्द के पंक्ति में बार-बार लिखे होने पर पंक्ति सुंदर बनती है एवं वहां यमक अलंकार होता है।
तीतर के दो पीछे तीतर, तीतर के दो आगे तीतर, बोलो कितने तीतर।
ऊपर लिखी हुई पंक्ति में तीतर शब्द बार-बार आ रहा है, तीतर शब्द की बार-बार आवृत्ति होने के कारण यहां यमक अलंकार है।
ग – श्लेष अलंकार – जब कविता की पंक्तियों में समान शब्द ही लिखे हो, परंतु उन शब्दों का मतलब पंक्तियों में अलग अलग हो तब वहां श्लेष अलंकार होता है। श्लेष अलंकार में एक ही शब्द के अनेक अर्थ होते हैं। कई बार लिखे एक शब्द के हर बार अलग-अलग मतलब होंगे।
कनक कनक ते सौ गुनी,मादकता अधिकाय,
वह खाए बौराय नर, यह पाए बौराय
ऊपर दी गई पंक्तियों में कनक शब्द दो बार लिखा गया है परंतु दोनों बार कनक शब्द का मतलब अलग-अलग है, एक कनक का मतलब सोना (gold) है तथा दूसरे कनक का मतलब धतूरा का फूल है। इसलिए यहां पर श्लेष अलंकार है।
2. अर्थालंकार – कविता के पंक्तियों में सुंदरता और विशिष्टता जब शब्दों के इस्तेमाल से नहीं बल्कि अर्थ के कारण आती हो तब वहां अर्थालंकार का इस्तेमाल होता है। शब्दों के बजाय यह अर्थ पर आधारित होते हैं। जिन पंक्तियों के शब्दों से गहरा अर्थ निकलता हो वहां अर्थालंकार होता है।
अर्थालंकार के भी मुख्य रूप से पांच भेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं –
क – उपमा अलंकार – जब किसी व्यक्ति वस्तु या अन्य किसी का दूसरे के साथ तुलना किया जाता है, यानी किसी को दूसरी किसी चीज की उपमा दी जाती है वहां उपमा अलंकार होता है।
कोमल कली सी देह
ऊपर दी गई पंक्ति में किसी के शरीर यानी देह की तुलना कोमल कली से की गई है इसीलिए यहां उपमा अलंकार है।
ख – रूपक अलंकार – जब किन्ही दो वस्तुओं को एक दूसरे का रूप दे दिया जाता है, तब वहां रूपक अलंकार रहता है। इस अलंकार में किसी एक चीज के गुण या रूप की समानता किसी दूसरे के गुण या रूप से की जाती है।
पायो जी मैंने प्रेम रतन धन पायो
ऊपर लिखी हुई पंक्ति में प्रेम को धन का रूप दे दिया गया है इसलिए यहां रूपक अलंकार है।
ग – उत्प्रेक्षा अलंकार – प्रस्तुत उप में के अप्रस्तुत उपमान की संभावना व्यक्त करने के लिए उत्प्रेक्षा अलंकार का इस्तेमाल होता है। जहां उपमेय में उपमान की कल्पना या संभावना हो वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
वह दीपशिखा सी शांत भाव में लीन।
प्रकाश मानो सूर्य के प्रकाश सा।
इस अलंकार में ऐसा लगता है, जैसे किसी चीज को दूसरी चीज के सामान मान लिया गया हो। इसमें तुलना ना होकर दोनों को समान माना जाता है। ऊपर दी हुई दोनो पंक्तियों में ऐसा ही हो रहा है।
घ – अतिशयोक्ति अलंकार – आसान शब्दों में, जिन पंक्तियों में किसी बात को बहुत बड़ा चढ़ाकर बताया जाता हो, वहां अतिशयोक्ति अलंकार रहता है।
आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार।
ऊपर दी हुई पंक्ति में लिखे हुए बात को बहुत बड़ा चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया है इसीलिए यहां अतिशयोक्ति अलंकार है।
च – मानवीकरण अलंकार – जब किसी पंक्ति में किसी निर्जीव वस्तु को मानव से तुलना करके मानव के समान बताया जाता हो तब वहां मानवीकरन अलंकार होता है।
शरद आया फूलों को पार करते हुए।
ऊपर दी हुई पंक्ति में शरद यानी शीत ऋतु को मानव के समान दिखाया गया है जो कि साइकिल चलाता हुआ आ रहा है इसलिए यहां मानवीकरण अलंकार है।
3. उभयालंकार – जब किसी पंक्ति में शब्दालंकार तथा अर्थालंकार दोनों के इस्तेमाल से ही उसके सौंदर्य को बढ़ाया जाता है, तब वहां उभयालंकार होता है।
Conclusion
आज इस आर्टिकल में हमने व्याकरण के बहुत ही महत्वपूर्ण विषय अलंकार के बारे में जाना इस आर्टिकल में हमने अलंकार के कितने भेद होते हैं? अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? अलंकार क्या है? इस आर्टिकल में हम अलंकार के कितने भेद होते हैं? और अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? इसके बारे में इस आर्टिकल में आपको उदाहरण के साथ विस्तार से बताएं। अगर इस आर्टिकल को पढ़कर आपको अलंकार कितने प्रकार के होते हैं और अलंकार के कितने भेद होते हैं इसके बारे में सारी जानकारी मिली है तो हमारा आर्टिकल को शेयर जरुर करें और हमारे आर्टिकल के संबंधित कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
GALAT EXAMPLE DIYE GYE H…..SHELESH ALAKNKAAR ME YAMAK KA EXAMPLE DIYA H….
Jo topic mujhe chahiye tha साला bho hi topic nhi mila very bad 🥺
Ab kya mujhe milaga bhi ya nhi