B.ed की फीस कितनी है? (B.Ed College Fees)

आज हम जानेंगे कि B.ed की फीस कितनी है? (B.ed ki fees kitni hai) तथा सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेज में b.ed की फीस कितनी है? एवं B.Ed करने में कितना खर्च आता है?

दोस्तों अपने करियर का निर्धारण  हर किसी के छात्र जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। छात्रों के लिए यह बहुत ही जरूरी होता है कि वह अपने करियर का निर्धारण अपने रुचि एवं किस विषय में वह अच्छा है आदि जैसे चीजों को ध्यान में रखकर करें। डॉक्टर और इंजीनियर के अलावा भी कई ऐसे क्षेत्र होते हैं जिनमें कैरियर बनाने का बेहतर विकल्प होता है उन्हीं क्षेत्रों में से एक है टीचिंग प्रोफेशन।

क्या B.ed करना जरूरी है?

दोस्तों  हर वह छात्र जो एक शिक्षक बनने की इच्छा रखता है चाहे वह सरकारी स्कूल का शिक्षक हो या प्राइवेट स्कूल का उसके लिए B.Ed करना अनिवार्य है

दोस्तों पहले प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर कर ली जाती थी परंतु 2019 से सरकार ने सरकारी या किसी भी प्रकार की मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए b.Ed को अनिवार्य कर दिया है।

B.ed की फीस कितनी है? (B.ed ki fees kitni hai)

आज इस लेख में हम मुख्यता b.Ed करने में  कुल कितना खर्च होता है? इस पर चर्चा करेंगे पर साथ ही b.Ed से संबंधित और सभी बातों के बारे में भी संक्षिप्त में जानेंगे-

B.ed करने में कितना खर्च होता है?

अब अगर बात करें b.Ed करने में आने वाले खर्च की तो यह अलग-अलग हो सकता है। यह निर्भर करता है कि आप किस प्रकार b.Ed करते हैं अर्थात रेगुलर तरीके से b.Ed करने की फीस  और डिस्टेंस से b.Ed करने की फीस में अंतर होता है।

अगर आप डिस्टेंस से b. ed करते हैं  तो आपको रेगुलर की तुलना में फीस कुछ कम लगेगी। परंतु कई बार रेगुलर से b.Ed किए छात्रों को ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसके अलावा फीस का निर्धारण इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप सरकारी कॉलेज से b.Ed करते हैं या किसी प्राइवेट कॉलेज से।

सरकारी कॉलेज में B.ed की फीस

किसी सरकारी कॉलेज से b.Ed करने का वार्षिक खर्च 10000 से 15000 के बीच होता है क्योंकि हर कॉलेज के लिए यह अलग अलग हो सकता है। इस दृष्टि से b.Ed ज्यादा महंगा कोर्स नहीं है। परंतु एक अच्छे सरकारी कॉलेज में b.Ed में दाखिला लेने के लिए आपको b.Ed की एंट्रेंस परीक्षा अच्छे अंको से पास करनी जरूरी होती है।

एंट्रेंस परीक्षा के परिणाम में आए अंकों के आधार पर ही छात्रों को b.Ed में दाखिला मिलता है। अतः छात्रों के लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि वे अपने सब्जेक्ट विशेष में b.Ed की एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी बहुत ही अच्छे से करें जिससे उन्हें एक सरकारी कॉलेज मिल सके और भी वे कम खर्च मे ही अपनी b.Ed की पढ़ाई पूरी कर सकें।

सरकारी कॉलेज ना मिलने पर आपके पास किसी प्राइवेट कॉलेज से भी b.Ed करने का विकल्प होता है। परंतु सरकारी कॉलेज की तुलना में प्राइवेट कॉलेज अधिक फीस लेते हैं?

प्राइवेट कॉलेज में B.ed की फीस

किसी प्राइवेट कॉलेज की b.Ed की सालाना फीस 50000 से 100000 के बीच हो सकती है, यह भी अलग-अलग कॉलेजेस पर निर्भर करता है। जो बड़े और अच्छे प्राइवेट कॉलेजेस होते हैं उनकी फीस ज्यादा होती है और कम प्रतिष्ठित कॉलेजेस की फीस उनकी तुलना में कम होती है। अलग-अलग कॉलेज की फीस  आप कॉलेज वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं।

B.ed कोर्स के दौरान अतिरिक्त खर्च

इसके अलावा अगर आप b.Ed कोर्स करने के दौरान घर से दूर रहते हैं तो इसमें आप का हॉस्टल का खर्च खाने-पीने का खर्च एवं निजी खर्च आदि भी सम्मिलित हो जाते हैं।

परंतु यह खर्च अनिवार्य नहीं होते एवं आप अपने स्तर पर इनका निर्धारण कर सकते हैं। B.Ed कर लेने के बाद आपको  टीजीटी (TGT) एवं पीजीटी (PGT) शिक्षक बनने के लिए टीजीटी एवं पीजीटी की परीक्षाओं को पास करना होता है जो सरकार के द्वारा निर्धारित की गई है।

B.Ed कोर्स – सरकारी कॉलेज या प्राइवेट कॉलेज

अन्य बैचलर डिग्रीओं की तरह इसमें भी आपके पास इसे रेगुलर या डिस्टेंस रूप से  करने का विकल्प होता है। आप इसे सरकारी कॉलेज या प्राइवेट कॉलेज से कर सकते हैं। परंतु ज्यादातर  छात्रों के लिए इसे सरकारी कॉलेज से ही करना बेहतर विकल्प होता है। B.Ed कोर्स के दौरान आपको पढ़ाई से ज्यादा पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। चूकीं b.Ed शिक्षकों के लिए होता है इसीलिए इसमें पढ़ाने के प्रशिक्षण पर बल दिया जाता है, इसीलिए इसे रेगुलर करना ही ज्यादा फायदेमंद होता है।

B.Ed कोर्स की जानकारी

अगर बात करें b.Ed की तो इस का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ एजुकेशन होता है। जो कि शिक्षक बनने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक अनिवार्य डिग्री होती है।

दोस्तों पहले b.Ed करने के लिए आप की न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन की थी। यानी आप किसी विषय में कम से कम 50% अंकों के साथ बैचलर डिग्री प्राप्त कर लेने के बाद ही b.ed करने के योग्य होते थे। परंतु अब आप रुचि रहने पर 12वीं पूरी होने के बाद ही b.ed को कर सकते हैं। अगर आप b.ed को 12वीं पूरी होने के बाद करते हैं तो इसकी अवधि 4 वर्ष की होती है।

ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद अगर आप b.Ed कोर्स को करते हैं तो उसमें इसकी अवधि 2 वर्ष की होती है। इसके अलावा अगर आप पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद b.Ed करने की सोचते हैं तो उस स्थिति में इसकी अवधि 1 वर्ष की होती है।

B.Ed करना सही या गलत

अगर आप भी आगे चलकर अपने आप को एक शिक्षक के रूप में देखते हैं, अगर शिक्षा देने  अर्थात पढ़ाने में आपकी रुचि है तो आप शिक्षक बनने का चुनाव करते हैं। शिक्षा का क्षेत्र आज के समय में सबसे प्रतिष्ठित क्षेत्र में से एक है। बहुत से छात्र शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं। यह डॉक्टर और इंजीनियर  आदि जैसे क्षेत्रों से की तुलना में थोड़ा आसान भी होता है एवं इसमें प्रतिस्पर्धा भी थोड़ी कम होती है जिससे आपके लिए मौका बनता है। अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सोचते हैं तो आपको b.Ed अनिवार्य रूप से करना होगा।

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