वकील कितने प्रकार के होते हैं? | Vakil kitne prakar ke hote hai

आज हम जानेंगे कि वकील कितने प्रकार के होते हैं? (Vakil kitne prakar ke hote hai) तथा किसके आधार पर वकीलों को अलग-अलग भागों में बांटा गया है?

सीधे तौर पर कहा जाए तो वकील के अलग-अलग प्रकार नहीं होते हैं वकील एक ही प्रकार का होता है कोई व्यक्ति जिसने वकालत की पढ़ाई पूरी कर ली हो एवं वकील बनने के लिए अन्य जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हो वह एक वकील कहलाता है।

Vakil kitne prakar ke hote hai

कोई व्यक्ति जो वकील बनना चाहता है उसके लिए सबसे पहले उसे llb या ba.llb का कोर्स करना होगा और उसके बाद अपने राज्य के स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। यह प्रक्रियाए पूरी हो जाने के बाद वह व्यक्ति कोई केस लड़ सकता है।

वकील कितने प्रकार के होते हैं? (Vakil kitne prakar ke hote hai)

वकालत में अपना करियर शुरू कर लेने के बाद वह व्यक्ति या निर्धारित करता है कि उसे वकालत के किस क्षेत्र में स्पेशलिस्ट बनना है। शुरुआत में एक वकील हर प्रकार के केस लेता है और लड़ता है। कुछ समय बाद  यह देखते हुए कि उसके पास किस तरह के केस ज्यादा आ रहे हैं या वह किस तरह के केस को अच्छे से हैंडल कर सकता है वह व्यक्ति किसी क्षेत्र में स्पेशलिस्ट बनने का निर्धारण करता है।

कोई व्यक्ति जिसने वकालत में अपना करियर शुरू किया यदि उसके पास क्रिमिनल केस ज्यादा आते हैं या क्रिमिनल केसेस में वह ज्यादा रुचि रखता है, उसने उस क्षेत्र में रिसर्च की होती है तो वह एक क्रिमिनल लायर बनता है। इसी प्रकार सिविल छेत्र से संबंधित केस लड़ने वाले वकील सिविल लॉयर बनते हैं।

इस प्रकार अपने रुचि और अपने स्पेशलाइजेशन के आधार पर अलग-अलग क्षेत्र चुनने वाले वकीलो को वकीलों के अलग-अलग प्रकार में गिना जा सकता है। स्पेशलाइजेशन के आधार पर वकीलों के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं।

वकील के प्रकार

  • क्रिमिनल लॉयर
  • Property lawyer
  • Family lawyer
  • Divorce lawyer
  • Matrimonial lawyer
  • Corporate lawyer
  • Immigration lawyer
  • Bankruptcy lawyer
  • Intellectual property lawyer
  • Employment lawyer
  • Tax lawyer
  • Tort lawyer
  • Media lawyers
  • Medical malpractice lawyer
  • Energy lawyer
  • Sports lawyer
  • Environmental lawyer

LLB से जूड़ी जरूरी जानकारी

क्रिमिनल लॉयर – criminal मामले से जुड़े केस जो वकील लड़ता है उस क्रिमिनल लॉयर कहा जाता है कोई भी ऐसा काम जो गैरकानूनी तरीके से किया गया हो जिसमें कानून का उल्लंघन हो एवं उसके लिए सजा का प्रावधान हो वह एक क्रिमिनल ऑफेंस कहलाता है इन से संबंधित केस क्रिमिनल लॉयर लड़ता है।

Property lawyer– जिसने वकालत के क्षेत्र में जमीन जायदाद यानी संपत्ति से संबंधित विवादों के ज्यादा केस लड़े हो, जिसे इस प्रकार के केसेस का ज्यादा एक्सपीरियंस हो प्रॉपर्टी लॉयर कहलाता है। इस क्षेत्र से संबंधित केसेस में उसने ज्यादा रिसर्च की होती है।

फैमिली लॉयर– पारिवारिक विवादों से संबंधित मामलों में स्पेशलाइजेशन रखने वाले वकील को फैमिली लॉयर कहा जाता है। पारिवारिक विवादों के ज्यादा केसेस का अनुभव इन्हें होता है। इन्होंने इस क्षेत्र में ज्यादा रिसर्च करी होती है। यह पारिवारिक विवादों से संबंधित केस लड़ते हैं।

Divorce lawyer– divorce lawyer तलाक संबंधित मामलों के स्पेशलिस्ट होते हैं। इन्हें तलाक संबंधी मामलों के केसस का ज्यादा अनुभव होता है, इससे संबंधित केसेस को है वे आसानी से लड़ने में सक्षम होते हैं। तलाक संबंधित विवादों में लोग एक डिवोर्स लॉयर के पास जाते हैं।

Matrimonial lawyer– शादी विवाह से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ वकील मैट्रिमोनियल लायर कहलाते हैं। किसी प्रकार का वैवाहिक विवाद होने पर उसका केस लड़ने के लिए एक मेट्रोमोनियल लॉयर हायर किया जाता है। इन्होंने इस क्षेत्र में ज्यादा रिसर्च की होती है जिससे इन्हें इसका अधिक अनुभव रहता है।

Corporate lawyer-किसी कंपनी के लिए या व्यापार संबंधित विवादों में एक कॉरपोरेट लॉयर विशेषज्ञ होता है मूल रूप से यह नॉन लिटिगेशन के मामले देखते हैं यह कंपनी के लिए कंसलटेंट की भूमिका भी निभाते हैं। इससे संबंधित कोई विवाद होने पर इसका केस लड़ने का काम कॉरपोरेट लॉयर का होता है।

Immigration lawyer– आप्रवास से संबंधित विवादों के विशेषज्ञ वकील को इमीग्रेशन लॉयर कहा जाता है। इमीग्रेशन की प्रक्रिया जटिल होती है, एक इमीग्रेशन लॉयर आपको अपने राइट्स आदि की जानकारी देकर आप्रवास की प्रक्रिया में मदद करता है एवं किसी प्रकार का विवाद होने पर उसे हल करता है।

Bankruptcy lawyer– इन्होंने वित्तीय कठिनाइयों और उससे संबंधित विवादों पर ज्यादा रिसर्च की होती है। वित्तीय संबंधी विवादों के केस लड़ने के लिए एक bankruptcy lawyer के पास जाया जाता है।

Intellectual property lawyer– बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित केसेस लड़ने के लिए एक इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉयर के पास ज्यादा अनुभव होता है। वे इस क्षेत्र से संबंधित विवादों के स्पेशलिस्ट होते हैं।

Employment lawyer– रोजगार से संबंधित किसी प्रकार का विवाद होने पर एक एंप्लॉयमेंट लॉयर के पास जाने की सलाह दी जाती है। एक Employment lawyer के पास रोजगार संबंधित केस लड़ने का ज्यादा अनुभव होता है।

Tax lawyer – income tax या अन्य किसी प्रकार के कर संबंधित विवादों का केस एक टैक्स लॉयर लड़ता है। यह आपको करो के प्रकार की जानकारी देते हैं एवं कर संबंधित कोई विवाद के केस में इन्हें ज्यादा अनुभव होता है।

Tort lawyer – पर्सनल इंजरी से संबंधित केस में विशेषज्ञता रखने वाले वकील को टॉर्ट लॉयर कहा जाता है। अपकृत्य से संबंधित विवादों में इन्हें ज्यादा अनुभव प्राप्त होता है जिससे इस तरह के केस ये अच्छी तरह लड़ सकते हैं।

Media lawyer – print media या electronic media से संबंधित किसी प्रकार का विवाद होने पर उस केस को लड़ने में एक मीडिया लॉयर विशेषज्ञ होता है। एक media lawyer को प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबंधित केस का ज्यादा अनुभव होता है।

मेडिकल Nalpractice lawyer – किसी मरीज का डॉक्टर या किसी अस्पताल से इसी प्रकार का विवाद होने पर केस की स्थिति में एक मेडिकल मलप्रैक्टिस लायर इस प्रकार के केस लड़ता है।

Energy lawyer – ऊर्जा के किसी मुद्दे से संबंधित किसी प्रकार का विवाद होने पर उस केस प्रकार के केस के स्पेशलिस्ट को एनर्जी लायर कहा जाता है। यह विशेषकर तेल और गैस के विवादो से संबंधित केस लड़ते हैं।

Sports lawyer – खेल से संबंधित किस प्रकार के विवाद में एक स्पोर्ट्स  लायर का अनुभव ज्यादा होता है। यदि खेल से संबंधित कोई केस हो तो उसी स्थिति में एक स्पोर्ट्स लायर वह केस लड़ता है।

Environmental lawyer – पर्यावरण से संबंधित इसी प्रकार का विवाद या केस होने की स्थिति में एक एनवायरमेंटल लॉयर उस केस को लड़ता है।

यह कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें स्पेशलाइजेशन के आधार पर वकीलों के प्रकार को देखा जा सकता है। अलग-अलग क्षेत्र होने के कारण एक वकील को किसी एक क्षेत्र विशेष पर ज्यादा ध्यान देकर उसका स्पेशलिस्ट बन्ना होता है।

इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है की एक  वकील की जिस क्षेत्र में विशेषज्ञता है वह सिर्फ वैसे ही केस लड़ सकता है एक वकील किसी भी प्रकार  का केस लड़ सकता है। बस किसी एक क्षेत्र में ज्यादा ध्यान देने के कारण अन्य क्षेत्रों के विवादों में उन्हें ज्यादा अनुभव नहीं हो पाता, जिस कारण अलग-अलग प्रकार के विवाद के लिए अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ वकील होते हैं।

Conclusion

कोई व्यक्ति जो एक वकील बनना चाहता है उसे एलएलबी का कोर्स करना होता है, यदि किसी ने एलएलबी या बी ए एलएलबी का कोर्स पूरा कर लिया है तो वह एक वकील बन सकता है। एलएलबी या Ba.llb की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद उस व्यक्ति को अपने राज्य या इच्छित राज्य के स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है जिसके बाद वह पूर्ण रुप से एक वकील बन जाता है एवं उसके बाद वह प्रैक्टिस कर कोई केस लड़ सकता है।

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