व्याकरण के कितने भेद होते हैं? | Vyakaran ke kitne bhed hote hain?

आज इस आर्टिकल में हम व्याकरण के कितने भेद होते हैं? (Vyakaran ke kitne bhed hote hain?) व्याकरण कितने प्रकार के होते हैं? (Vyakaran kitne prakar ke hote Hain) और व्याकरण किसे कहते हैं? इन सब के बारे में जानेंगेय़

दोस्तों हिंदी हमारी मातृभाषा है। हिंदी पूरी दुनिया भर में बोले जाने वाली सबसे आसान भाषाओ में से एक भी है। यह एक विस्तृत भाषा है जिसमें कई दूसरी भाषाओं के शब्दों  का इस्तेमाल भी होता है, जिससे यह एक प्रभावी भाषा बनती है। किसी भी भाषा का आधार उस भाषा का व्याकरण ही होता है, जिसमें उस भाषा को बोलने या लिखने के लिए जरूरी नियम निर्धारित होते हैं। भाषा का व्याकरण  ही उस भाषा को शुद्ध तथा सही बोलने एवं लिखने में सहायक होता है।

आज इस लेख में हम हिंदी भाषा के बहुत ही महत्वपूर्ण भाग हिंदी व्याकरण तथा इसके भेदो या अंगों के बारे में जानेंगे।हिंदी व्याकरण क्या है?  इसके कितने अंग यानी व्याकरण के कितने भेद होते हैं ? उन सभी को एक-एक करके उदाहरण सहित समझने का प्रयास करेंगे।

व्याकरण के कितने भेद होते हैं? (vyakaran ke kitne bhed hote hain?)

व्याकरण हिंदी भाषा को बोलने और लिखने के नियम को कहते हैं। हिंदी भाषा में व्याकरण के 4 भेद होते हैंव्याकरण के भेद निम्नलिखित हैं:

  • वर्ण विचार
  • शब्द विचार
  • वाक्य विचार
  • पद विचार

व्याकरण किसे कहते हैं? (Vyakaran kise kahte hain?)

आसान भाषा में तो हिंदी को बोलने या लिखने के लिए जो जरूरी नियम होते हैं व्याकरण के अंतर्गत उन्हीं को पढ़ा जाता है। संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, अलंकार समेत अनेकों पाठ लखन के अंतर्गत आते हैं।

वह रचना जो हिंदी भाषा को बोलने तथा लिखने की प्रक्रिया को शुद्ध करती है, वही व्याकरण है।

हिंदी व्याकरण के अंतर्गत अनेकों पाठ है, जो हिंदी भाषा की नियम को बताते हैं ताकि हिंदी को सही तरीके से बोला और लिखा जा सके। बिना व्याकरण के हिंदी का अध्ययन संभव नहीं हो सकता है।

व्याकरण कितने प्रकार के होते हैं? (Vyakaran kitne prakar ke hote hain?)

भाषा का मतलब एक प्रकार से बोलना या लिखना ही होता है। किसी भी भाषा में हम जो बोलना चाहते हैं उसे वाक्य में बोलना या लिखना होता है।

यानी वाक्य के जरिए ही भावनाओ या बातों को अलग-अलग भाषाओं की लिपियों में व्यक्त किया जाता है। तो जाहिर है हिंदी भाषा में भी वाक्य होता है, जो कि शब्दों से मिलकर बनता है और शब्द हिंदी भाषा के वर्णों से मिलकर बनते हैं।

इसी प्रकार से यदि व्याकरण के भेदो की बात की जाए तो, हिंदी व्याकरण के मुख्यतः 4 प्रकार निश्चित किए गए हैं जो निम्नलिखित हैं –

  • वर्ण विचार
  • शब्द विचार
  • वाक्य विचार
  • पद विचार 
Step 1

1. वर्ण विचार

आसान भाषा में, इसके अंदर हिंदी भाषा की  वर्णमाला को पढ़ा जाता है।  वर्ण का मतलब होता है अक्षर।

वर्ण हिंदी भाषा की मूल इकाई  यानी की सबसे छोटी इकाई होती है, इन्हें और तोड़ा नहीं जा सकता, और इन्हीं को मिलाने से शब्दों का निर्माण होता है जिन्हें हम हिंदी में लिखते या बोलते हैं। हिंदी पढ़ते समय शुरुआत में हम जो अ आ, और क ख पढ़ते हैं वही वर्ण होते हैं।

हिंदी भाषा में कुल वर्णों की संख्या 52 है, और यही भाषा का आधार है, जिनसे शब्दों का और फिर वाक्य का निर्माण होता है। बिना हिंदी वर्णमाला के अध्ययन के हिंदी को समझना और बोलना संभव नहीं है।

हिंदी भाषा के 52 वर्णों को दो भागों में बांटा गया है, जिसमें स्वर वर्ण तथा व्यंजन वर्ण आते हैं। स्वर वर्णों की संख्या 11 है तथा 33 व्यंजन वर्ण है। इनके अलावा एक अनुस्वार (अं) और एक विसर्ग (अ:) है। साथ ही दो द्विगुण व्यंजन (ड़ और ढ़) तथा चार संयुक्त व्यंजन (क्ष,त्र,ज्ञ,श्र) भी हिंदी वर्णमाला में है।

वर्णमाला के दो मुख्य भेद स्वर वर्ण तथा व्यंजन वर्ण है। स्वर वर्ण उन्हें कहा जाता है जिन का उच्चारण स्वतंत्र होता है यानी उन्हें बोलने में किसी दूसरे वर्ण के सहायता की आवश्यकता नहीं होती है।

अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ स्वर वर्ण है। इसके बाद स्वर वर्णों के भी, उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर, उच्चारण करते समय मुंह की स्थिति तथा होठों की स्थिति के आधार, पर उप भेद होते हैं। क, ख इत्यादि व्यंजन वर्ण होते हैं तथा इनके भी अपने उप भेद होते हैं।

Step 2

2. शब्द विचार

वर्णों के बाद बारी आती है शब्दों की। शब्द हिंदी भाषा का दूसरा खंड है, जिसे दो या दो से अधिक वर्णों को आपस में मिलाकर बनाया जाता है। जब दो या दो से अधिक वर्ण आपस में मिलकर एक सार्थक अर्थ देते हैं तब उसे शब्द कहा जाता है। उदाहरण के लिए घ तथा र दो वर्ण मिलकर एक सार्थक अर्थ दे रहे हैं, इसीलिए घर एक शब्द है।

व्याकरण में शब्दों का अलग-अलग आधार पर अलग-अलग उप भेद होते हैं। व्युत्पत्ति के आधार पर, प्रकार के आधार पर, अर्थ के आधार पर, रचना के आधार पर, प्रयोग के आधार पर शब्दों के कई सारे भेद होते हैं।

तत्सम शब्द, तद्भव शब्द, विकारी शब्द, अविकारी शब्द, सार्थक शब्द, निरार्थक शब्द रूढ़ शब्द, यौगिक शब्द, योगरूढ़ शब्द इत्यादि समेत पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थी इत्यादि शब्दों को भी शब्दों के भेद के अंतर्गत ही पढ़ा जाता है।

व्याकरण के शब्द खंड में इससे संबंधित पाठों जैसे संधि, रूपांतर, भेद उपभेद, परिभाषा इत्यादि का अध्ययन कराया जाता है।

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Step 3

3. वाक्य विचार

व्याकरण के इस भेद के अंतर्गत वाक्य के बारे में पढ़ा जाता है। शब्दों का कोई समूह जो एक सार्थक अर्थ देता  हो वाक्य कहलाता है। जैसे  – लड़का आ रहा है। तथा  रहा आ है लड़का।

इसमें पहले शब्दों के समूह का अर्थ है इसीलिए यह वाक्य है, जबकि दूसरे का कोई अर्थ नहीं निकल रहा है इसीलिए यह वाक्य नहीं है।

व्याकरण में वाक्य के भी भेद होते हैं। वाक्यों का वर्गीकरण दो आधार पर किया जाता है, दोनों ही आधारों पर वाक्य के अलग-अलग भेद होते हैं।

रचना के आधार पर वाक्यों का वर्गीकरण सरल वाक्य, मिश्रित वाक्य तथा संयुक्त वाक्य के रूप में किया गया है एवं अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं जो विधान वाचक वाक्य, निषेधवाचक वाक्य, प्रश्नवाचक वाक्य, आज्ञा वाचक वाक्य, इच्छा वाचक वाक्य, संदेह वाचक वाक्य, विस्मय वाचक वाचक, संकेत वाचक वाक्य होते हैं।

Step 4

4. पद विचार

हिंदी भाषा में वाक्य को बोला या लिखा जाता है, जब किसी शब्द का किसी वाक्य में प्रयोग किया जाता है तब एक विशेष शब्द को एक विशेष पद प्राप्त होता है, और व्याकरण के अंतर्गत पद विचार में इसी का अध्ययन होता है। 

मोहन कोई कार्य कर रहा है।

ऊपर लिखे हुए वाक्य में मोहन शब्द एक कर्ता है, यहां वह एक संज्ञा है तथा पुल्लिंग है। यहां मोहन शब्द के वाक्य में प्रयोग होने से इसे एक पद प्राप्त हुआ है।

Conclusion

आज इस पोस्ट में हमने व्याकरण कितने प्रकार के होते हैं? (Vyakaran kitne prakar ke hote hain?), व्याकरण के कितने भेद हैं? (Vyakaran ke kitne bhed hote hain?), व्याकरण किसे कहते हैं? इसके बारे में जाना है हिंदी में व्याकरण के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है।

व्याकरण के विषय के टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं आप अगर किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और उसमें व्याकरण विषय के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।

इसलिए आज इस आर्टिकल में व्याकरण कितने प्रकार के होते हैं? व्याकरण के कितने भेद होते हैं? इसके बारे में विस्तार से बताया इस आर्टिकल में मैंने आपको व्याकरण के भेद को उदाहरण के साथ बताया है। मुझे उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़कर आपको व्याकरण के सारे भेद के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी।

2 thoughts on “व्याकरण के कितने भेद होते हैं? | Vyakaran ke kitne bhed hote hain?”

  1. व्याकरण क्या है और व्याकरण के भेद के बारे में बहुत अच्छे से समझाया है.
    thanks for helpful information..

  2. आपने इस पोस्ट में हिंदी ग्रामर के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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